दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की राय ले जाए
मौत का ज़हर हैं फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जाके सांस ली जाए
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाए
मेरे माज़ी के ज़ख्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाए
बोतलें खोलके तो पी बरसों,
आज दिल खोल कर भी पी जाए
Singer : Jagjit Singh
Lyrics: Raahat Indori